लतड़ पतड़ स्यां स्यां (गढवाली हास्य)
लतड़ पतड़ स्यां स्यां बल लतड़ पतड़ स्यां स्यां हाई रे मेरी फ्वां फ्वां नोना बेरोजगार छन अभी नि आई कालो धन लतड़ पतड़ स्यां…
लतड़ पतड़ स्यां स्यां बल लतड़ पतड़ स्यां स्यां हाई रे मेरी फ्वां फ्वां नोना बेरोजगार छन अभी नि आई कालो धन लतड़ पतड़ स्यां…
हम सरहदों पर रहते हैं आज ज़माने से ये कहते हैं भारत माता के वीर सभी हम हमको सभी सरहद का रखवाला कहते हैं। है…
कोराना से बल सबुकी हालत पस्त हुयीं च देश की अर्थब्यवस्था की भी हालत खस्त हुईं च रोजी रोटी कु जुगाड़ ह्वो न हो पर,…
कौन कहता है कि अपने उज्जल भविष्य हेतु सपने देखना या कल्पना करना गलत है? सपने देखो और जरूर देखो, अपपे उज्जवल भविष्य की कल्पना…
हमें तो गंज्यालों से कूटा गया सुल्याठों में कहां दम था।। मेरा खुट्टा तो रड़ा वहाॅ जहाॅ कच्यार कम था।। 😃😃😃😃😃😃😃😃
प्रज्वलित ज्वाला हुई है रण शंख का अब नाद हो शत्रु जो पुलकित हुआ है उसका करो अब नाश तुम। न रोको अभी तुम भावना…
नाराज न होना खत को पढ़कर, न जानू मैं खत को लिखना। बस आपके खातिर लिख डाला, यूॅ न हँस देना खत को पढ़कर। कुछ…
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