पवन हूँ चंचल

तूफ़ान तो नहीं हूँ लेकिन पवन हूँ चंचल तेरे आसपास चलकर शीतल करूंगा पल-पल। संगीतमय करूंगा कविता से तेरा आँचल उन्मुक्त खुशियाँ दूंगा तोडूंगा गम…

पतन

पतन हाँ पतन पतन की शुरुआत कब होती है , जब घमंड की पराकाष्ठा होती है, जब अपने से काबिल कोई नहीं दिखता है आँख…

मुक्तक

सावन मास शिव का मास शिव ही शिव चारों ओर बरसात की बूंदें शिव को करा रही स्नान , देवाधिदेव महादेव का आओ सब करें…

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