मेरे ख़ुदा मुझको बता, सब कुछ तो तेरे खाते में दर्ज़ है। तारीफ़ तेरी हो या फिर मेरी, इसमें क्या हर्ज़ है।। »
ये आखरी है सिलसिला प्यार का नही । अभी तो जीने की ज़ुस्तज़ु हुई है। »
ये आखरी है सिलसिला प्यार का नही। अभी तो जीने की ज़ुस्तज़ु हुई है । »