नारीत्व

अपने कलेजे से लगाकर सदा रखती मुझे, हर बुरी नज़र से बचाकर लाड करती मुझे, माँ बापू के बगिया की एक सुंदर कली मैं, तो…

हिसाब

इससे बत्तर हयात में और क्या होगा, ख़्वाबों का कारवां पल में ख़ाक होगा, देखकर मंजर कुछ अजीब लम्हों का, जज्बातों का मेहर पल में…

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