अधूरा गीत

अधूरा गीत तुम बिन मेरे साजन बोलो कैसे ये जज़्बात लिखूँ, दिन मेरा कैसा बीता कैसे बीती रात लिखूँ। मन में उलझन भारी था तो…

जिन्दगी

एक ताज़ा ग़ज़ल के चन्द अश’आर आप हज़रात की ख़िदमत में पेश करता हूँ; गौर कीजिएगा… चाहता था जिसे जिन्दगी की तरह, वो रहा बेवफ़ा…

कौन जाने

बारहा अब ये हक़ीक़त कौन जाने, आँख भी करती बग़ावत कौन जाने। मैं फ़िदा होता रुख़सार पे बस, इश्क़ है या है इबादत कौन जाने।…

बहकने लगा हूँ

अदाओं से उसकी पिघलने लगा हूँ, खुदी की गिरह से निकलने लगा हूँ। बना मैं दिवाना मुहब्बत में उसकी, मुहब्बत में उसकी बदलने लगा हूँ।…

एक ख़्याल सा

याद के दरमियाँ हम मिलेंगे कभी, फूल गुलशन में भी तो खिलेंगे कभी। शक़ मेरे इश्क़ पे मत करो साथियाँ, खत तुम्हें खून से हम…

ख़ाहिश

सज़ा सी बन गई है अब जहाँ में प्यार की ख़ाहिश, समझ आती नहीं मुझको कभी संसार की ख़ाहिश। न जाने याद कैसी है हमेशा…

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