सिसकता बचपन..

तन्हा चल रहा था सड़क पर मैं, तब देख रहा था मुझकों, “बाशिंदा उसका” , बड़ा मासूम सा वो,तबस्सुम कहीं खोई हुई, निगाहे तलबगार, और…

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