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Barish

सितंबर महीने में जुलाई
की बारिश,
यूं तो मनभावन लगती
है बारिश,
पर उन लोगों का क्या !
खोया है जिन्होंने अपनों को!
क्या है ईश्वर तेरी लीला!
पल में चमन था जो पल में
हुआ वीरान!,
दूधपीतीबच्ची को भी न
छोड़ा तुमने,
वह भी हो गई अनाथ !
बह गए उसके मां बाबा!
काल की गाल में,
बह गए सारे सामान गाड़ियां,
बचा क्या?
बाकी बस निर्जन मकान!
वह भी बह गए कही साथ उनके,
हे ईश्वर ! क्या इतना बढ़ गया अन्याय !

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