इन हाथों में अरसों तक थी उनके हाथ की खुशबु।
जैसे रातरानी से महकती रात की खुशबु।
इत्र हो गई जो बूंदें लिपटकर उनसे,
दुनिया को ये भरम कि ये बरसात की खुशबु।
इन हाथों में अरसों तक थी उनके हाथ की खुशबु।
जैसे रातरानी से महकती रात की खुशबु।
इत्र हो गई जो बूंदें लिपटकर उनसे,
दुनिया को ये भरम कि ये बरसात की खुशबु।