Jugnoo Abhishek kumar 4 years ago गरीब की कब्र पर कहाँ कब दीप जलते है, रेगिस्तान मे आसानी से कहाँ फूल खिलते है। चांद-तारो की ख्वाहिश तो महल वाले रखते है, हम जुगनू है अपनी फिज़ाओ के….हम तो खुद से ही खुद को रोशन रखते है।।