दिल के टूटने का भी, क्या मातम मनाइए
किस को है सारोकार, ज़रा कम मनाइए
वो फिर किसी के दिल को, शीशे सा तोड़ेंगे
उस बदनसीब का अभी से गम मनाइए
दिल के टूटने का भी, क्या मातम मनाइए
किस को है सारोकार, ज़रा कम मनाइए
वो फिर किसी के दिल को, शीशे सा तोड़ेंगे
उस बदनसीब का अभी से गम मनाइए