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Mera Pata…

ये नज़्म पोछ के आँखों से..

इन्हें कानों में पहन लो तुम,

तो एक आवाज़..

दौड़ के पास आएगी,

और..मेरा पता गुनगुनाएगी.

फुरसत हो तो आ जाना .

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