थोड़े हम अमीर थे
एक दिल के
थोड़े हम गरीब थे
एक दिल के
थोड़ा मुस्कुराते थे
टुकड़ों में
थोड़ा गुनगुना लेते थे
मुखड़ों में
कभी सौदागर थे
हंसी के
कभी रो लेते थे
पीछे मुड़ के
कुछ बदनाम हैं
दर्द मेरे
और कुछ पाक हैं
अत्फ़ मेरे
…बस यही है ……
मेरे चेहरे की दो निशानियाँ