Site icon Saavan

Mere manmit

तुझ में सब कुछ पाया मैंने,
तू ही तो मेरा सवेरा,
ओ मेरे मनमीत कहां हो तुम
तुझे ढूंढे यह दिल मेरा,
आने से होती है तेरे
शम्मा ये गुलजार ये रौशन बहारा,
तेरे ही लिए मैंने खुद को है संवारा,
तू जो चले तो, झुक जाए फूलों की डाली,
मंडराए मन का भंवरा,
तू ही तो दुनिया हो मेरी,
तू ही हो मेरा सहारा,
गर आ जाओ तुम तो,
खिल जाए, इन होठों की कलियां |

Exit mobile version