मुशायरा महीन अहसासों को बुनता हुआ, अल्फ़ाजों को सहजता हुआ एक ऐसा कारवां है जहां हर शख्स, हर शब्द अपने वजूद को महसूस करता है| यहां कुछ ऐसा ही कारवां बन जाये तो क्या बात हो| इसके लिये आपके सहयोग व योगदान की जरूरत होगी; उम्मीद है यह कारवां बढता ही जायेगा, अहसासों के साथ…आसमां से भी आगे|
आप नीचे कमेंट के स्थान में अपने अल्फ़ाजों को लिख सकते है|
nazm uljhii hui hai seene mein
misre atke hue hain hothon par
udte-phirte hain titliyon ki tarah
lafz kaagaz pe baith-te hi nahii
kabse baitha hua hoon main jaanam
saade kaagaz pe likhke naam tera
bas tera naam hi mukammal hai
isse behtar bhi nazm kya hogi
Is zindagi ki neenv hai yaadeein, baatein, fariyadein aur galiyarein..
Sada sambhal k rakhna unko in anjane, pehchane mukhdo se..
Pass m rakhna apne seene ke..
Savar k rakhna apne aanchal mein 🙂
उसकी अल-कायदा सी आँखे हैं,, जो बस मार ही डालती हैं,,
उसकी बुलडोज़र सी बाते हैं,, जो बस गिरा ही डालती हैं,,
लगता हैं उसके बाप का किसी कसाब से तगड़ा रिश्ता हैं…
वरना ताज की खूबसूरती को यूँ ही नहीं चकनाचूर कर डालती हैं…
Ishq ki raah par chalne wala bhi bada ajeebo gareeb ho jata hain,,,
Zara gaur farmana sab….. ki
Ishq ki raah par chalne wala bhi bada ajeebo gareeb ho jata hain,,,
Jo isko samajh le… wo bahut ajeeb ho jaata hain,,
or jo isko na samajh paaye… bechara gareeb ho jaaata hain.
मोहब्त ने कर दिया , मेरा हर अंदाज़ ऊँचा ….
बस जुदाई के लम्हो में , झुकना नही हैं….
दिख गयी राह – ए – जन्न्त ….
अब रुकना नहीं हैं…..
तू कर हर पल दीदार मेरा….
क्योंकि मैं आफ़ताब हूं , जिसे कभी छिपना नहीं है…
सपनों से जी भर गया है मेरा
सपना आखिर क्यों हकीकत नहीं होता
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ये कारवां चले तो, हम भी चलें
ये शम्मा जले तो, हम भी जलें
खाक करके हर पुरानी ख्वाहिश को
इक नया कदम, हम भी चलें……
मुश्किल है राहें, सूनी है अकेली सी
इस अकेलेपन में साथ तन्हाई चले
तेरे कारवां के हम भी एक मुसाफिर है
कहां तुम अकेले – अकेले चले 🙂
Paigam lekar aunga, tujhe apna banane…
Fir mat kehna oh parawane…
Akele akele kidhar chale… 🙂
कोई वक्त था, जब एक रब्त चला करता था हमारे दरम्या
गुजर गया वो रब्त, अब साथ बस वक्त चले
चलना है सबको चले जा रहे है
अनजानी रहों पे, अजनबी चले
Bine mila sab hote hain ajnabi…
Milne k baad sochiye…
Anjana chehra bhi apna lagta hai 🙂 🙂
चेहरों की दुनिया में आइना साथ रखियेगा
कभी कभी अपना चेहर भूला सा लगता है… 🙂
Mukhote bhi rakhiyega… numaish bhi rakhiyega…
Iss bheed k chehre mein.. kai chehre chhipe baithe hain 🙂
छिपाना तो लोगो की फितरत होती है
जो ढूढ़ ले अपने जज्बातों को,
वही नज्म लिख पाता है…right?
Yes right 🙂 And this one from Gulzaaarrr for u 🙂
nazm uljhii hui hai seene mein
misre atke hue hain hothon par
udte-phirte hain titliyon ki tarah
lafz kaagaz pe baith-te hi nahii
kabse baitha hua hoon main jaanam
saade kaagaz pe likhke naam tera
bas tera naam hi mukammal hai
isse behtar bhi nazm kya hogi
इक नज्म है जिंदगी
जिसकी इबारतें हम लिखते है
गाते है, गुनगुनाते है
कई दफ़ा भूल भी जाते है
याद करने, भूलने में
लिखने औ मिटाने में
ये कारवां ए जिंदगी चले
Is zindagi ki neenv hai yaadeein, baatein, fariyadein aur galiyarein..
Sada sambhal k rakhna unko in anjane, pehchane mukhdo se..
Pass m rakhna apne seene ke..
Savar k rakhna apne aanchal mein 🙂
kuch milne ke baad bhi ajnabi rahte he
kuch na mile bhi kareeb lagte he
zindagi faaslo se door nahi hoti
kabhi kabhi faasle bhi kareeb lagte he 🙂
कई कारवां आते है, कई गुजर जाते है
हम करवां के नहीं, कारवां हमारे साथ चले
naye kadam he, naye raste he,
nayi manzil kahin hamara intzaar kar rahi he
he musafir zara mud ke to dekha
gumrah zindagi kya kaha rahi he
anzaane rashton me bhatak kar zindagi gumrah ho gayi
kisi ke haath mile, to zindagi kisi ke saath chale….
रिमझिम रिमझिम बारिश हुई आज
जोर की तूफ़ा आंधी बहुत तेज चले
रिवोल्वर तो रोज चलती है दोस्त
कभी हमारे यहां AK 47 भी चले
उसकी अल-कायदा सी आँखे हैं,, जो बस मार ही डालती हैं,,
उसकी बुलडोज़र सी बाते हैं,, जो बस गिरा ही डालती हैं,,
लगता हैं उसके बाप का किसी कसाब से तगड़ा रिश्ता हैं…
वरना ताज की खूबसूरती को यूँ ही नहीं चकनाचूर कर डालती हैं…
nice
कभी ठहरी सी लगती है,
कभी बहती चली जाती है
जिंदगी है या पानी है
न जाने क्यों जम जाती है
जज्बातों को संभाल कर रखते है
खर्च करते है हिसाब से हर हर्फ़ में
कभी कोई हिसाब मांग ले अपनी यादों का
इसी हिसाब में जिंदगी चले
Him kahan jaa rage the,
He raste kahan chale,
Khwaish this kwabo take paunchne ki,
He hakikat ki taraf mujhe le chale
Maine zindgi me bhut kuch khoya hai dosto #umeed mgr kuch pane Ki ab tk nhi khoi ##
ummeed pe hi to duniya kayam he dost
zindagi muthi me he, agar umeed nahi khoi
खोना पाना तो चलता रहता है
इनसे ऊपर उठ सको तो जिंदगी चले
हृदय तल से शुभकामनाएं ।
पेज वृद्धिंगत होताहोता।
aap bhi apna sahyog de
Ishq ki raah par chalne wala bhi bada ajeebo gareeb ho jata hain,,,
Zara gaur farmana sab….. ki
Ishq ki raah par chalne wala bhi bada ajeebo gareeb ho jata hain,,,
Jo isko samajh le… wo bahut ajeeb ho jaata hain,,
or jo isko na samajh paaye… bechara gareeb ho jaaata hain.
Is duniya me kon kiska hota he
Ishq se hi jahan roshan hota he
soch samaj kar chalne wale ishq nahi karte
jo ishq kar le vo ye samaj jaata he…..
Is noor ko yun hi dektha rhun,
Tasveer ko yun hi paraktha rhun..
Deewane dil ki dhadkan ko sunkar,
Teri awaz ko yun hi gungunata rahun..
नूर ए मोहब्बत में नहाकर आई हूं
तेरे रंगो में रंग कर आई हूं
कत्ल ए दिल कई दफ़ा हुआ मेरा
इस बार मरहम पट्टी कर कर आई हूं
Humare rang mein dard nahi,
Jashn hai aur gam nahi..
Dil mein umang hai,
shayari ka manch hai..
Marham patti ko bhulane ki,
Yahi ek umang hai..
Wah kya baat he!
nice
wah kya baat he ankit..nice
Ho gayi barbaad ishq ki duniya me aakar
Magar is barbaadi se bhi ab ishq ho gaya he!
मोहब्त ने कर दिया , मेरा हर अंदाज़ ऊँचा ….
बस जुदाई के लम्हो में , झुकना नही हैं….
दिख गयी राह – ए – जन्न्त ….
अब रुकना नहीं हैं…..
तू कर हर पल दीदार मेरा….
क्योंकि मैं आफ़ताब हूं , जिसे कभी छिपना नहीं है…
बहुत खूब… उम्दा
छिप कर जाओगे तो कहां जाओगे
हमें हर तरफ़ तुम बस हमें पाओगे
तू आफ़ताब है तो मैं भी चांद हूं
मैं होती हूं जब तू नहीं होता
दीदार करती है दुनिया हर पल रोशनी से
किसी भी रूह को अब छिपना नही है
भारतीय मीडिया के लिए 1 लाइन
झूठ सत्य पर भारी है , जनाब तमाशा जारी है |
झूठ सत्य पर भारी है , जनाब तमाशा जारी है |
सच की हालत बेचारी है, झूठ सभी पर भारी है ||
Sach kahan gum he najar nahin aataa,
Khinchne walon ne kya tasveer utaari he
बेवफावो की महफ़िल लगेगी आज
जरा वक़्त से आना , मेहमान-ए -ख़ास हो तुम
🙂
ज़रुरत है अब हमें नए नफ़रत करने वालों की,
दरअसल पुराने तो अब हमें चाहने लगे हैं।!!
bahut khoob
कोई बात है जो दिल में दबी है अरसे से
आंखों में थमे है अश्क मगर छलक नहीं पाते है
Drd ki b intehaan h..
Kitna hi likhlo,
Km hi nhi hota
Nikalta rahata he aankon se
Har waqt, magar
khatm hi nahi hota..
दिल में उसे बसा के मैनें ऐसा जोखिम है उठाया..,
मैं सो भी जाऊं तो मुझ में वो कमबख्त नहीं सोता ।।
सपनों से जी भर गया है मेरा
सपना आखिर क्यों हकीकत नहीं होता