परिंदे राही अंजाना 6 years ago बन्द पिंजरे से उड़ जाने का अरमान लिए बैठे हैं, कुछ परिंदे अपनी आँखों में आसमान लिए बैठे हैं, बनाये थे जो कभी रिश्ते इस ज़ालिम ज़माने से, आज उसी की बनाई सलाखों में नाकाम हुए बैठे हैं।। – राही (अंजाना)