रह जाता हूँ याद करके तस्वीर किसी की,
है मेरी जैसी न है तक़दीर किसी की,,
उलझन में भी आता है हमे इक समझ,
उड़ा देती है होश मेरे तीर किसी की।
Rajjnneesh
रह जाता हूँ याद करके तस्वीर किसी की,
है मेरी जैसी न है तक़दीर किसी की,,
उलझन में भी आता है हमे इक समझ,
उड़ा देती है होश मेरे तीर किसी की।
Rajjnneesh