Rajneesh Kannaujiya Rajneesh kannaujiya 5 years ago रह जाता हूँ याद करके तस्वीर किसी की, है मेरी जैसी न है तक़दीर किसी की,, उलझन में भी आता है हमे इक समझ, उड़ा देती है होश मेरे तीर किसी की। Rajjnneesh