जाड़े की ऋतु आई
गरमी की हुई विदाई
रेवड़ी मूँगफली घर में आई
शरबत कोल्ड्र ड्रिंक जूस
सबकी हो गयी छुट्टी
चाय काॅफी घर में आई
खों खों करके सब खाँस रहे
डाॅक्टरों की कमाई हो रही
किसी को सीरप किसी को
दवाई की पुड़िया थमाई
सर्दी का तो बहाना हो गया
दारू से ठंड को भगाने का
नरम – गरम पकौड़ी खानी
जी भरकर मस्ती है करनी
गाजर का हलवा गोंद के लड्डू
माँ के हाथ के खाने हैं
सर्दी में तो मजे हो गये
लोहड़ी का त्योहार आ गया
रज के भंगड़ा पाना है
बोन फायर करके लोहड़ी में
रेवड़ी मूँगफली से भोग लगाना है
मुन्ना की पहली लोहड़ी है
भैया की शादी का जश्न भी मनाना है
सर्दियों में रजाई जैकेटां सुहावे
ठंडी तो भाई मुझको बहुत है भावे
?? रीता जयहिंद ?????? विषय शीत ऋतु (सर्दी )??@ ☘??????