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SelfLove/ Happiness

#selflove #happiness
जिसे ढूंढा ज़माने में, जाने छुपी थी किस ठिकाने में
आधी उमर निकल गयी पता लगाने में, जाने छुपी थी किस ठिकाने में

खोजा तुझे अपने चाहने वालो में, तलाशा तुझे पुरानी यादो में
सोचा मिलेगी तू ख्वाईशो में, ढूंढ़ता रहा तुझे चाँद सितारों में
जाने छुपी थी किस ठिकाने में

दर दर के जाम पीता रहा दुनिया के महखानो में, मांगने पहुंचा तुझे खुदा के दरबारों में
दूर से दिखी तू अमीरो की महफ़िलो में, वो भी ढूंढ ही रहे थे तुझे किसी और ही गलियारों में
जाने छुपी थी किस ठिकाने में

बहुत समय लगा तेरा पता लगाने में, असली “ख़ुशी” मिली खुद को चाहने में
इस बार जब देखा आईने में, मिला सुकून खुद को अपनाने में

जिसे ढूंढा ज़माने में, वो तो मिली मेरे अन्दर ही किसी किनारे में

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