Shayari Anita Sharma 5 years ago यूँ बनती बिगड़ती किस्मत की नुमाइश ना कर बन्दे तक़दीर सँवरती नहीं शिकायत के पुलिंदों से ©अनीता शर्मा अभिव्यक्ति बस दिल से