न जाने तुम कहां खो गए,
हम यहां तेरी याद मे खो गए,
तेरे बिन न जाने कैसे
बीते रात ये दिन,
तुम मुझे यूं तन्हा कर गए,
कभी तुझे मेरे बिन एक
कदम भी चलना गवारा न था,
अब कैसे तुझे सालों मेरे
बिन रहना गवारा हो गया,
ये तन्हाई लगता है मुझे ले डूबेगी,
कहां हो तुम बस अब चले आओ,
आती है रातों को जब पत्तों
की सरसराहट लगता है तुम आए,
तेरी याद में बितते हैं मेरे रात ये दिन,
लगता है तुम यहीं कहीं हो,
यहींं कहीं हो,यही कही हो |