Zindagi Piyush 7 years ago बेशक़ सहमा ज़रूर, पर कभी टूटा नही, तेरे लाख डराने पे, कभी रूठा नही, तेरा इतरांना भी अंदाज़-ए-हसीन ज़िंदगी, पर मेरे हौंसलो का साथ अभी छूटा नही। – पीयूष निर्वाण