अपने ही लोग फिर शहर rajesh arman 8 years ago अपने ही लोग फिर शहर में दहशत क्यूँ अपनी ही आँखों में जहर सी वहशत क्यूँ कहीं तो सुनी जाएगी आख़िर फ़रियाद किसी सजदे को ,किसी दुआ की हसरत क्यूँ राजेश’अरमान’