आँसू हुए शुमार जब.. Prayag Dharmani 4 years ago ‘समंदर समझ रहा था कि मौजें यूँ ही बनी, आँसू हुए शुमार कुछ, तब जाके कहीं बनी..’ – प्रयाग मौजें – लहरें शुमार – गिनती में शामिल होना