तुम्हारी बेरुखी को
प्यार समझूं या खता समझूं
तू ही बता ना
आखिर क्या समझूं ?
सामने आकर भी मुह फेर लेते हो
बेबसी समझूं या बेवफाई समझूं
तू ही बता ना
आखिर क्या समझूं ?
रुला देते हो तुम मुझे बार-बार
किस्मत समझूं या पनौती समझूं
तू ही बता ना
आखिर क्या समझूं ?