आजादी के जश्न में तो मनाता हर कोई है
आजादी का मायना समझ सके तो कोई बात बने
समाज जब संवेदनहीन हो जाये
तब कोई संवेदना से बाते करे तो कोई बात बने
तिरंगे के कपड़े को तो सबने देखा है मगर
उसकी रूह में झांक सकें तो कोई बात बनें
हर कोई अपनी बात ही करता है यहां
कभी कोई दूसरे की बात हो तो बात बनें
मेरी बातों से लहू मत करना तुम दिल अपना
किसी के क्रन्दन से जब दिल दुखे तो कोई बात बनें