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उत्साह हो सजा हुआ

जिस राह पर कदम बढ़ें
बिंदास भाव से बढ़ें
उत्साह हो सजा हुआ
थकें न पग चले चलें।
न देखना इधर उधर
नजर रहे मुकाम पर,
सदा बुलंद हौसला
चले चलें सुकाम पर।

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