उदासी का आलम Pragya 4 years ago उदासी का आलम इस कदर छाया है रूबरू मेरे एक धुंध छाया है हौसले पंख लगा के उड़ने को तैयार हैं पर मेरे पंखों को किसी ने काटकर गिराया है..