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उनकी लेखनी को नमन है 🙏🙏

सीखा तो हमने भी बहुत कुछ है
तुम्हारी लेखनी से
कैसे अविरल,
निर्भीक चलती है
शब्दों की सुंदर कारीगरी तो रहती ही है
साथ में भावों की लहर बहती है
हम तो समझते थे कि हम कवि हैं
पर आज कुछ पुराने कवियों की
कविताएं पढ़ने के बाद
मेरे मस्तक पटल खुल गए
जाग उठी स्मृति रेखाएं
लगा जैसे कुछ नहीं आता
क्या लिखा करती हूं मैं
उनकी लेखनी को नमन है
जिन्होंने सावन को सजाया
मैं खुद को कवि समझती थी
मेरे इस भ्रम को मिटाया।।

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