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उमड़ते मेघ…

दिल में हैं मेघ उमड़ते
जब-जब तेरी यादों के
बरस पड़ें तब-तब पानी
ओ साजन ! मेरी आँखों से
रिमझिम-रिमझिम
रुनझुन-रुनझुन
झननन- झननन-झनन-झनन!
अब तो मोरे साजन आजा
कब से रस्ता देख रही
तेरी तस्वीरों से मैं तो
अपनी अँखियां सेंक रही..

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