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उम्मीद

यह जो नाजुक सा दौर है
आहिस्ता आहिस्ता खत्म हो जाएगा
बस उम्मीदों का दीपक तुम
यूं ही आगे भी जलाए रखना।
वीरेंद्र सेन प्रयागराज

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