Site icon Saavan

ऐ ज़िन्दगी

ऐ ज़िन्दगी मैंने तुझको दिया क्या है
तेरे लिए किया क्या है
तूने मेरे गम पे खुशियों के वस्त्र ढक दिए
तेरे लिए मैंने सिया किया है

ना रखा तुझे खुश
ना रखा ऐशो आराम में
हर पल तुझसे माँगा
तुझे दिया क्या है

मैं पराया मांगू हर चीज़ स्वार्थ में
तू अपना समझ कर दे निस्वार्थ में
आखिर समझ नहीं आया
ये रिश्ता क्या है

तूने हर वक्त साथ दिया
मेने हर कीमती वक्त है खोया
तू तो हर वक्त मेरे लिए ही जिया है
पर ऐ ज़िन्दगी मैंने तुझको दिया क्या है

Exit mobile version