कदमो की आहट राही अंजाना 8 years ago लाखों की भीड़ में भी तेरे कदमों की आवाज़ पहचान लेता हूँ, मैं तेरी खामोश आँखों में छुपा हर दर्द पहचान लेता हूँ, यूँ तो भटक भी जाऊ किसी मोड़ मगर, मैं बन्द आखो में भी तेरा घर पहचान लेता हूँ॥ राही (अंजाना)