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कब मना है..

राहों में गर कांटे बिछे हों,
तो बुहारना कब मना है ।
है अगर अंधियारी राहें ,
एक दीपक जलाना कब मना है ।
साथी कोई प्यारा, साथ छोड़ जाए,
बीच – राह में, कोई हाथ छोड़ जाए,
तो गम की वादियों से निकल कर,
समेट कर के ज़िन्दगी को ,
आगे बढ़ जाना कब मना है ।
………✍️गीता…….
बुहारना का अर्थ—
सफ़ाई करना,झाड़ू लगाना

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