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कविता हो मेरी पूरी

मेरे गम में तुम शामिल ,
मेरी खुशियों में भी शामिल
आपके साझे के बिन ,
खुशियां है मेरी अधूरी
मेरी खुशियों में शामिल हो
खुशियां कर दी मेरी पूरी
हम जानते हैं ये भी ,
हम मानते हैं ये भी
बहुत ममता है भरी
आपके हृदय में हमारे लिए
आपके गुनगुनाने से,
कविता हो मेरी पूरी..

*****✍️गीता*****

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