कविता Anita Sharma 4 years ago तुम्हे दूर जाना था, तो पास आये ही क्यों वादों से मुकर जाना था, तो सब्ज़ बाग़ दिखाए क्यूँ मेरी फितरत में नहीं शामिल बेवज़ह रिश्तों को तोड़ देना पर तुम खुदगर्ज़ निकले तो फिर हम रिश्ते निभाए क्यूँ ©अनीता शर्मा अभिव्यक्ति बस दिल से