“काँच का दिल” Pragya 3 years ago ले चल साकी! मुझे दरिया के पास मेरा मन बहुत प्यासा है मचल पड़ता है ये कांच का दिल जब वो मेरे करीब आता है बोल दो उसे- “मैं उसका नहीं किसी और का हूँ” अाने देना उसे अगर वो फिर भी मेरे पास आता है..!!