कोई शजर शाख से बैर rajesh arman 8 years ago कोई शजर शाख से बैर नहीं रखती कोई शाख पत्तों को गैर नहीं रखती अपने हौसलों से ही जहाँ मिलता है कोई दरवाज़े पे किस्मत पैर नहीं रखती राजेश’अरमान’