Site icon Saavan

क्रोध ना किया करें, क्रोध से रहें परे

क्रोध ना किया करें,
क्रोध से रहें परे
गुस्सा है माचिस की तीली सा,
औरों को जलाने से पहले
खुद को जलना पड़ता है
ये वो विष हैं जो,
औरों को पिलाने से पहले
खुद को पीना पड़ता है
अगर आप हैं सही तो,
गुस्सा करने की ज़रूरत नहीं
यदि गलती से हो जाए गलती,
तो गुस्सा करने का हक ही नहीं
शांति भी एक शक्ति है,
इस शक्ति की पहचान करें
स्व-चिंतन से सोचें सब कुछ,
फ़िर इसका रस-पान करें
प्रतिबिंब ना देख सकें,
हम कभी खौलते पानी में
सच्चाई ना दिखलाई देगी,
कभी क्रोध की अग्नि में
क्रोध में विध्वंस छिपा है,
शांति में सुख का है वास
आज अभी अपना कर देखो,
मिट जाएंगे सारे त्रास

*****✍️गीता

Exit mobile version