गुरु राही अंजाना 6 years ago गुरु ज्ञान भण्डार समेटे, कभी न अपनी आँखे मींचे, शिक्षा के दीपक प्रकाश से हर जन के जीवन को सींचे, गुरु न देखे जाति धर्म, न मन में कोई संशय कीजे, गुप्प अँधेरे में भी दृढ सन्कल्प में उसका हर क्षण बीते।। राही (अंजाना)