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गज़ल -वो ठहरता नही है |

गज़ल -वो ठहरता नही है |
बातो मे करता प्यार मगर दिल से वो करता नहीं है |
वादे लाखो किए मगर जरूरत पर वो ठहरता नहीं है |
बुला पास मुझे करना गैरो कहकसा उसकी आदत है |
बदल गया मै उसकी खातिर मगर वो सुधरता नहीं है |
उसके इश्क का असर इंतजार जाग रात भर करता हूँ |
हर गली उसका जाना पास मगर वो फटकता नहीं है |
जब भी आया वो पास मेरे हर घड़ी घड़ी देखता रहा |
सुना दूँ अपने दिल की मगर मेरी वो सुनता नहीं है |
करता करम मेरे दुशमनों दिलोजान से बहुत है मगर |
बना बैठा खुदा मै जिसे कद्र मेरी वो करता नहीं है |
कितना बेबस आशिक हूँ मै मुझे बस वही चाहिए |
लाखो हसीं जहां मे मगर दिल कही बहलता नहीं है |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -9955509286

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