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चाभी के जैसे

तुम्हारा इंतजार किया आम पकने की तरह
तुम रोज ख्वाब में आए शाम की चाय की तरह
तुम खो गए चाभी के जैसे मगर
मैनें ढूंढा है तुम्हें मूंगफली के दाने की तरह

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