चाल राही अंजाना 6 years ago खेल खेलने बैठा तो खिलाड़ी न मिला, एक बन्दर को उसका मदारी न मिला, ज़िन्दगी की बिसात में हम कुछ फंसे ऐसे, कि हमारी चालो को कोई जबाबी न मिला।। राही (अंजाना)