चाहे कितनी नफ़रत कर लो हमसे
तेरे दिल को अपना बनाकर रहेगें
बहुत रो चुकी है आंखे हमारी
तेरी आंखों से आंसू हम गिराकर रहेंगे
चाहे कितनी भी अंधेरी हो जिंदगी की रातें
शम्मां महोब्बत की हम जला कर रहेगें
फासले बना लो चाहे कितना भी हमसे
ये फ़ासले, हम मिटा कर रहेगें