“**जिन्दगी के तजुर्बे”**
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जिंदगी के तजुर्बे
सताते
बहुत हैं ,
हँसाते बहुत हैं ,
रुलाते
बहुत हैं ।
कभी हों अकेले ,
हाँ
बिल्कुल अकेले,
तजुर्बे
साथ मन से
निभाते बहुत हैं ।
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*** जानकी प्रसाद विवश****