ज़िन्दगी

इतनी भी नाराज़गी ठीक नहीं की फासले उम्र भर का हो जाये पल भर का जीना है यारों बेगाने लोगों को छोड़ यहाँ अपनो से…

ज़िन्दगी

पहली बार जब रोया तोह भूख और प्यास थी दूसरी बार जब रोया स्कूल का पहला दिन था तिसरी बार जब रोया तब स्कूल का…

ज़िन्दगी

ये जिंदगी थोडा अपनी रफ़्तार को धीमा तो कर हम जब तक कुछ समझे तू और आगे निकल जाती है।।

ज़िन्दगी

इस तरह उलझी रही है जिन्दगी,,,,,, कोन कहता है सही है जिन्दगी।।।।। उलझनो का हाल मै किससे कहु,,, आँख के रस्ते बही है जिन्दगी।।।। अब…

जिन्दगी

एक ताज़ा ग़ज़ल के चन्द अश’आर आप हज़रात की ख़िदमत में पेश करता हूँ; गौर कीजिएगा… चाहता था जिसे जिन्दगी की तरह, वो रहा बेवफ़ा…

बहुत अमीर है जिन्दगी

बहुत अमीर है जिन्दगी, लफ़्जो को सलीके से, बिठाने में वक्त बिताया करती, गर्मी में सर्दी, सर्दी में गर्मी, यूँ  विपरीत परिस्थतियों को, मात देते…

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