तराना गुनगुनाती है Satish Chandra Pandey 4 years ago दिल का भवन तो आपका बेहद सजीला है, फटे से पांव रखने में मुझे लज्जा सी आती है। ******************* आप हो सामने तो मुस्कुराहट छुप सी जाती है मगर भीतर ही भीतर से तराना गुनगुनाती है।