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देश समाज

देश समाज में ये क्या फैला है,
आतंक का बजता बिगुल यहां हैं।
देख कर अहर्निश का अपराध,
रो रो कर मेरा बुरा हाल हुआ है।।

✍महेश गुप्ता जौनपुरी

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