*दोस्ती का रिश्ता* Geeta kumari 3 years ago जब वक्त मिले तो पढ़ लेना, पढ़ लेना रिश्तों की किताब कुछ रिश्ते मिलते हैं जन्म से, कुछ रिश्ते देता है यह समाज किन्तु निज चुनाव से जो रिश्ता, पुष्पित-पल्लवित होता है हृदय में, वो रिश्ता, दोस्ती का होता है लाजवाब _____✍️गीता