यह दोस्ती अनमोल है बेजोड़ है यारों सुनो,
तोहफा है भगवान का यारों सुनो,
दोस्ती हसीन है महजबीं है यारों सुनो।
बांधी हुई एक डोर है यारों सुनो।
गमो को पीछे छोड़ दें है वो दवा यारों सुनो।
दुख दर्द को जो दे भुला यारों सुनो
रोशन जहां उन सब का है एक दोस्त भी जो सच्चा है ,
यारों सुनो।
निमिषा सिंघल